- यह दरगाह हिन्दू-मुसलमान सद्भावना की मिसाल है
रफीक कनोजे झरी : पाटण में हजरत अमीनोद्दीन शाह रहमतुल्ला अलैह का उर्स मुबारक पाच अप्रैल गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। उर्स के मौके पर सुर्दापुर, झरी, खरबडा , लिंगती मांगली, मुकूटबन, भेदोडा, अनंतपूर, दहेगाव, माथार्जुन ,कमळवेल्ली और तेलंगणा से आए जायरिनों का (भक्तोंका) मजमा था। उर्स के एक दिन पहले बुधवार की रात मे मजार को गुस्ल दिया गया। गुरुवार को कमेटी के सदस्योंद्वारा और पाटण के थानेदार शिवाजी लश्करे द्वारा दरगाह पर चादर चढाई गई, फातेहा ख्वानी हुई उसके बाद सुबह ग्यारह बजे से श्याम पाच बजे तक सभी भक्तोने लंगर का आस्वाद लिया श्याम 6 से 10 बजे तक संदल शरीफ निकाला गया व परचम कुसाई की रस्म हुई धूमधाम से निकला संदल का जुलूस पाटण मे प्रती वर्ष पांच अप्रैल को रिवाज के अनुसार अमीनोद्दीन शाह रहमतुल्ला अलैह का उर्स मनाया जाता है और धुमधाम से संदल निकाला जाता है दरगाह समिति के सरपरस्त व अन्य सदस्योने उर्स में आये भक्तोका मेहमानों का स्वागत दरगाह समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता व उर्स कमेटी ने किया। इस उर्स में हिन्दू-मुसलमान सभी ने हिस्सा लिया।
यह दरगाह हिन्दू-मुसलमान सद्भावना की मिसाल है। मस्जीद में मौलाना ने बेहतरीन तकरीर की। सभी कार्यक्रम में थानेदार शिवाजी लश्करे और पुलिस प्रशासन का भरपूर सहयोग मिला उक्त जानकारी कमेटी ने दि। दरगाह को रोशनी से सजाया गया और दरगाह की मार्गों पर भी रोशनी की गई जुलूस के संदल मे भी रोशनी की जगमगाहट की गई थी। उर्स संदल का जुलूस धूमधाम से निकाला गया। श्रद्धालुओं ने उसका जगह जगह स्वागत किया। इसके साथ ही मटका पार्टी के कव्वालों ने देश की एकात्मता और अखंडता पर कलाम पढ़ना शुरू कर दिए वहीं जुलुस के दो घोडो ने भी हैरत अंगेज करतब दिखाए। जिन्हें देखने के लिए आम राहगीर भी ठहर गए। जायरीनों की बड़ी संख्या के और रोशनी के सोशनाई के साथ जुलूस पाटण के मुख्य चौक से , ग्रामपंचायत रोड, बस स्टॅंड चौक होता हुआ स्थित दरगाह शरीफ में लाया गया। इसके बाद रात दस बजे सलाम और फातेहा हुई। जिसमें मुकूटबन के मौलाना मोहम्मद मक्सुद रजा ( राजुर कालरी वाले) और पाटण के मौलाना मोहम्मद अनीस रजा ने मुल्क भारत में अमन चैन और सद्भावना की दुआ की। जिसमें काफी संख्या में जायरीन शामिल हुए। हजरत अमीनोद्दीन शाह रहमतुल्ला अलैह के उर्स को गुरूवार की रात साढे दस बजे समापन हो गया.